Jeevan ki apadhaapi

जीवन की आपाधापी में कब वक़्त मिला
कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूँ
जो किया, कहा, माना, उसमें क्या बुरा भला

जिस दिन मेरी चेतना जगी, मैने देखा
मैं खड़ा हुआ हूँ इस दुनिया के मेले में,
हर एक यहाँ पर एक भुलावे में भूला,
हर एक लगा है अपनी अपनी दे ले में,

कुछ देर रहा हक्का-बक्का, भौचक्का सा —
आ गया कहाँ, क्या करूँ यहाँ, जाऊं किस जा?
फिर एक तरफ़ से आया ही तो धक्का सा,
मैने भी बहना शुरू किया इस रेले में;

यूं बाहर की रेला-ठेली ही क्या कम थी,
जो भीतर भी भावों का ऊहापोह मचा,
जो किया, उसी को करने की मजबूरी थी,
जो कहा वही मन के अंदर से उबल चला

जीवन की आपाधापी में कब वक़्त मिला
कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूँ
जो किया, कहा, माना, उसमें क्या बुरा भला
××××××

मेला जितना भड़कीला रंग रंगीला था
मानस के अंदर उतनी ही कमज़ोरी थी
जितना ज़्यादा संचित करने की ख़्वाहिश थी
उतनी ही छोटी अपने कर की झोरी थी

जितनी ही ठहरे रहने की थी अभिलाषा
उतना ही रेले तेज़ ढकेले जाते थे
क्रय-विक्रय तो ठंडे दिल से हो सकता है
ये तो भागा भागी की छीना छोरी थी

अब मुझ से पूछा जाता है क्या बतलाऊं
क्या मान अकिंचन बिखराता पथ पर आया
वह कौन रतन अनमोल मिला ऐसा मुझको
जिस पर अपना मन प्राण निछावर कर आया

यह थी तक़दीरी बात, मुझे गुण-दोष ना दो
जिसको समझा था सोना वो मिट्टी निकली
जिसको समझा था आँसू वह मोती निकला

जीवन की आपा धापी में कब वक़्त मिला
कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूँ
जो किया, कहा, माना, उसमें क्या बुरा भला
×××××××

मैं जितना ही भूलूँ भटकूँ या भरमाऊँ
है एक कहीं मंज़िल जो मुझे बुलाती है
कितने ही मेरे पाँव पड़ें उँचे नीचे
प्रति पल वह मेरे पास चली ही आती है

मुझ पर विधि का अहसान बहुत सी बातों का
पर मैं कृतज्ञ उसका इस पर सब से ज़्यादा —
नभ ओले बरसाए, धरती शोले उगले,
अनवरत समय की चक्की चलती जाती है
मैं जहां खड़ा था कल उस थल पर आज नहीं
कल इसी जगह फिर पाना मुझको मुश्किल है

ले मापदण्ड जिसको परिवर्तित कर देती
केवल छूकर ही देश काल की सीमायें
जग दे मुझपर फ़ैसला उसे जैसा भाये
लेकिन मैं तो बेरोक सफ़र में जीवन के
इस एक और पहलू से होकर निकल चला
(इस एक अलग पहलू से होकर निकल चला)

जीवन की आपा धापी में कब वक़्त मिला
कुछ देर कहीं पैर बैठ कभी यह सोच सकूँ
जो किया, कहा, माना, उसमें क्या बुरा भला

by Harivansh Rai Bachchan

Comments

2 responses to “Jeevan ki apadhaapi”

  1. Alexander Astely Avatar
    Alexander Astely

    Interesting read!

    1. Shivendra Bhatnagar Avatar
      Shivendra Bhatnagar

      Good to hear from you

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